Movie/Album: नौजवान (1951)
Music By: एस.डी.बर्मन
Lyrics By: साहिर लुधियानवी
Performed By: लता मंगेशकर
ठंडी हवाएँ, लहरा के आयें
रुत है जवां
तुमको यहाँ, कैसे बुलाएँ
ठंडी हवाएँ...
चाँद और तारे, हँसते नज़ारे
मिल के सभी, दिल में सखी, जादू जगाये
ठंडी हवाएँ...
कहा भी न जाए, रहा भी न जाए
तुमसे अगर, मिले भी नज़र, हम झेंप जाए
ठंडी हवाएँ...
दिल के फ़साने, दिल भी न जाने
तुमको सजन, दिल की लगन, कैसे बताएँ
ठंडी हवाएँ...
Music By: एस.डी.बर्मन
Lyrics By: साहिर लुधियानवी
Performed By: लता मंगेशकर
ठंडी हवाएँ, लहरा के आयें
रुत है जवां
तुमको यहाँ, कैसे बुलाएँ
ठंडी हवाएँ...
चाँद और तारे, हँसते नज़ारे
मिल के सभी, दिल में सखी, जादू जगाये
ठंडी हवाएँ...
कहा भी न जाए, रहा भी न जाए
तुमसे अगर, मिले भी नज़र, हम झेंप जाए
ठंडी हवाएँ...
दिल के फ़साने, दिल भी न जाने
तुमको सजन, दिल की लगन, कैसे बताएँ
ठंडी हवाएँ...
Beautiful song
ReplyDeleteमैं देश और समाज के जलते हुए सवालों पर भगतसिंह और अंबेडकर के विज़न से प्रेरित होकर जनवादी गीत लिखता हूं।
ReplyDelete#गीतकार
शेखर चंद्र मित्रा
(8174934005)
अंगुली छोड़कर
ReplyDeleteचलना सीखो, बेटी!
पूर्वजों से आगे
बढ़ना सीखो, बेटी!
(१)
घर हो या बाहर
ख़तरे कहां नहीं हैं?
हरेक चुनौती से
लड़ना सीखो, बेटी!
(२)
इसी से निकलेगा
मुक्ति का एक मार्ग
सारे काम छोड़के
पढ़ना सीखो, बेटी!
(३)
लोग क्या समझेंगे
तुम्हारी स्थिति को
अपनी कहानी स्वयं
लिखना सीखो, बेटी...
(४)
सावित्रीबाई फुले से
प्रेरणा लेकर
अपने व्यक्तित्व को
गढ़ना सीखो, बेटी...
(५)
राह के पत्थरों को
अब सीढ़ी बनाकर
तुम लगातार ऊपर
चढ़ना सीखो, बेटी...
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
#feminism #स्त्रीविमर्श
#girlseducation
#नारीवाद #नारीमुक्ति