चली चली रे पतंग - Chali Chali Re Patang (Lata Mangeshkar, Md.Rafi, Bhabhi)

Movie/Album: भाभी (1957)
Music By: चित्रगुप्त
Lyrics By: राजिंदर कृषण
Performed By: मो.रफ़ी, लता मंगेशकर

चली-चली रे पतंग मेरी चली रे
चली बादलों के पार, हो के डोर पे सवार
सारी दुनिया ये देख-देख जली रे
चली-चली रे पतंग...

यूँ मस्त हवा में लहराए
जैसे उड़न खटोला उड़ा जाए
ले के मन में लगन, जैसे कोई दुल्हन
चली जाए रे सांवरिया की गली रे
चली-चली रे पतंग...

रंग मेरी पतंग का धानी
है ये नील गगन की रानी
बांकी-बांकी है उठान, है उमर भी जवान
लागे पतली कमर बड़ी भली रे
चली-चली रे पतंग...

छूना मत देख अकेली
है साथ में डोर सहेली
है ये बिजली की तार, बड़ी तेज़ है कतार
देगी काट के रख, दिलजली रे
चली-चली रे पतंग...

7 comments :

  1. वाह...मन प्रसन्न हो गया आपकी प्रस्तुति देखकर...बहुत बहुत बधाई...

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  2. वाह, मन को बीते दिनों में ले गया ये गीत ।

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  3. चमत्क्रत करने वाले शब्द और म्यूजिक भी।

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  4. Posted on fbk on acvount of Kites flying festival in Gujarat and other places.Very apt song on meaning of young life of all zestful ones!

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