खामखाँ - Khamakha (Matru Ki Bijlee Ka Mandola, Vishal Bhardwaj)

Movie/Album: मटरू की बिजली का मंडोला (2013)
Music By: विशाल भारद्वाज
Lyrics By: गुलज़ार
Performed By: विशाल भारद्वाज, प्रेम देहाती

हलकी हलकी आहें भरना
तकिये में सर दे के धीमे धीमे
सरगोशी में बातें करना
पागलपन है ऐसे तुमपे मरना
उबला उबला क्यूँ लगता है?
ये बदन, ये जलन तो खामखां नहीं
खामखां नहीं
ये खलिश जो है, वो खामखां नहीं
हाँ तपिश तो है, पर खामखां नहीं
जो नहीं किया, कर के देखना
साँस रोक के, मर के देखना
ये बेवजह, बेसबब, खामखां नहीं
ये खामखां नहीं...

सारी सारी रात का जगना
खिड़की पे सर रख के उंघते रहना
उम्मीदों का जलना-बुझना
पागलपन है ऐसे तुम पे मरना
खाली खाली दो आँखों में
ये नमक, ये चमक, तो खामखां नहीं
खामखां नहीं
फ़िक्र रहती है, जो खामखाँ नहीं
ज़िक्र रहता है, जो खामखाँ नहीं
अश्क आँखों में, भर के देखना
आइना कभी, डर के देखना
ये बेवजह, बेसबब, खामखाँ नहीं
दीवानगी सही, ये खामखाँ नहीं
हाँ जुनूँ तो है, पर खामखाँ नहीं...

सदा भवानी ताही जय हो प्यारा
गौरी पुत्र गणेश
पाँच देव रक्षा करे हो प्यारा
ब्रह्मा विष्णु महेश
देसां म यो देस मेरा स
हर्या भर्या हरियाणा
सीधे साधे लोग अड़े के
दूध दही का खाणा
बोलो राम राम राम राम
राम राम राम
बोलो राम राम राम भाई
राम राम राम
बोलो राम राम राम राम
राम राम राम
बोलो राम राम राम भाई
राम राम राम

1 comment :

  1. LAST LINE IS NOT CORRECT
    कसम से यो देश मेरा स

    "देसां में यो देस मेरा स"

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