Movie/Album: पूरब और पश्चिम (1970)
Music By: कल्याणजी-आनंदजी
Lyrics By: इन्दीवर
Performed By: मुकेश
कोई जब तुम्हारा ह्रदय तोड़ दे
तड़पता हुआ जब कोई छोड़ दे
तब तुम मेरे पास आना प्रिये
मेरा दर खुला है, खुला ही रहेगा
तुम्हारे लिए
अभी तुम को मेरी ज़रूरत नहीं
बहुत चाहने वाले मिल जायेंगे
अभी रूप का एक सागर हो तुम
कँवल जितने चाहोगी खिल जायेंगे
दर्पण तुम्हें जब डराने लगे
जवानी भी दामन छुड़ाने लगे
तब तुम मेरे पास आना प्रिये...
कोई शर्त होती नहीं प्यार में
मगर प्यार शर्तों पे तुमने किया
नज़र में सितारे जो चमके ज़रा
बुझाने लगीं आरती का दीया
जब अपनी नज़र में ही गिरने लगो
अंधेरों में अपने ही घिरने लगो
तब तुम मेरे पास आना प्रिये...
कोई जब तुम्हारा ह्रदय - Koi Jab Tumhara Hriday (Mukesh, Purab Aur Paschim)
Labels:
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Mukesh
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Purab Aur Paschim
Love u jaan
ReplyDeleteशब्दों के उलट फेर से लिखी सबसे खूबसूरत पंक्तियाँ
ReplyDeleteबहुत सुंदर
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