Movie/Album: अनुराधा (1960)
Music By: रवि शंकर
Lyrics By: शैलेन्द्र
Performed By: लता मंगेशकर
जाने कैसे सपनों में खो गई अँखियाँ
मैं तो हूँ जागी, मोरी सो गई अँखियाँ
अजब दीवानी भई, मोसे अनजानी भई
पल में पराई देखो, हो गई अँखियाँ
जाने कैसे सपनों...
बरसी ये कैसी धारा, काँपे तनमन सारा
रंग से अंग भीगो गई अँखियाँ
जाने कैसे सपनों...
मन उजियारा छाया, जग उजियारा छाया
जगमग दीप सॅंजो गई अँखियाँ
जाने कैसे सपनों...
कोई मन भा गया, जादू वो चला गया
मन के दो मोतियाँ पिरो गयी अँखियाँ
जाने कैसे सपनों...
Music By: रवि शंकर
Lyrics By: शैलेन्द्र
Performed By: लता मंगेशकर
जाने कैसे सपनों में खो गई अँखियाँ
मैं तो हूँ जागी, मोरी सो गई अँखियाँ
अजब दीवानी भई, मोसे अनजानी भई
पल में पराई देखो, हो गई अँखियाँ
जाने कैसे सपनों...
बरसी ये कैसी धारा, काँपे तनमन सारा
रंग से अंग भीगो गई अँखियाँ
जाने कैसे सपनों...
मन उजियारा छाया, जग उजियारा छाया
जगमग दीप सॅंजो गई अँखियाँ
जाने कैसे सपनों...
कोई मन भा गया, जादू वो चला गया
मन के दो मोतियाँ पिरो गयी अँखियाँ
जाने कैसे सपनों...
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