Movie/Album: बात एक रात की (1962)
Music By: एस.डी.बर्मन
Lyrics By: मजरूह सुल्तानपुरी
Performed By: मन्ना डे
अरे किसने, चिलमन से मारा
अरे नज़ारा मुझे
बिखेरे बाल जब वो
आसमानों पर घटा झूमे
चले जब नाज से ज़ालिम
क़यामत भी क़दम चूमे
हाँ, पग में पायल डार के
घूँघट नयन झुकाए
बिन बादल की दामिनी
चमकत लचकत जाय
फिर ना देखा हाय
फिर ना देखा, ना देखा, ना देखा
ना देखा
अरे, फिर ना देखा पलट के दुबारा मुझे
किसने चिलमन से...
सीने में दिल है, दिल में दाग
दागों में सोज़-ओ-साद-ए-इश्क
परदा बापर्दा है पिनहा
परदानशीं का राज़-ए-इश्क
जतन मिलन का तब करूँ
नाम पता जब होय
एक झलक बस
एक झलक दिखलाय के
कर गई पागल मोय
मेरे दिल, मेरे दिल, मेरे दिल
अरे मेरे दिल ने तड़पकर
हाय मेरे दिल ने तड़पकर
अरे पुकारा मुझे
किसने चिलमन से...
Music By: एस.डी.बर्मन
Lyrics By: मजरूह सुल्तानपुरी
Performed By: मन्ना डे
अरे किसने, चिलमन से मारा
अरे नज़ारा मुझे
बिखेरे बाल जब वो
आसमानों पर घटा झूमे
चले जब नाज से ज़ालिम
क़यामत भी क़दम चूमे
हाँ, पग में पायल डार के
घूँघट नयन झुकाए
बिन बादल की दामिनी
चमकत लचकत जाय
फिर ना देखा हाय
फिर ना देखा, ना देखा, ना देखा
ना देखा
अरे, फिर ना देखा पलट के दुबारा मुझे
किसने चिलमन से...
सीने में दिल है, दिल में दाग
दागों में सोज़-ओ-साद-ए-इश्क
परदा बापर्दा है पिनहा
परदानशीं का राज़-ए-इश्क
जतन मिलन का तब करूँ
नाम पता जब होय
एक झलक बस
एक झलक दिखलाय के
कर गई पागल मोय
मेरे दिल, मेरे दिल, मेरे दिल
अरे मेरे दिल ने तड़पकर
हाय मेरे दिल ने तड़पकर
अरे पुकारा मुझे
किसने चिलमन से...
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