एक हसीना थी - Ek Haseena Thi (Kishore Kumar, Asha Bhosle, Karz)

Movie/Album: क़र्ज़ (1980)
Music By: लक्ष्मीकांत प्यारेलाल
Lyrics By: आनंद बक्षी
Performed By: किशोर कुमार, आशा भोंसले

एक हसीना थी, एक दीवाना था
क्या उम्र, क्या समा, क्या ज़माना था

एक दिन वो मिले, रोज़ मिलने लगे
फिर मोहब्बत हुयी, बस क़यामत हुयी
खो गए तुम कहाँ, सुनके ये दास्ताँ
लोग हैरान है, क्योंकि अनजान है
इश्क की वो गली, बात जिसकी चली
उस गली में, मेरा आना, जाना था
एक हसीना थी...

उस हसीं ने कहा, सुनो जान-ए-वफ़ा
ये फलक, ये ज़मीं, तेरे बिन कुछ नहीं
तुझपे मरती हूँ मैं, प्यार करती हूँ मैं
बात कुछ और थी, वो नज़र चोर थी
उसके दिल में छुपी, चाह दौलत की थी
प्यार का, वो फकत, इक बहाना था
एक हसीना थी...

बेवफा यार ने, अपने महबूब से
ऐसा धोखा किया, ज़हर उसको दिया

मर गया वो जवाँ, अब सुनो दास्ताँ
जन्म लेके कहीं, फिर वो पहुंचा वहीं
शक्ल अनजान थी, अक्ल हैरान थी
सामना जब हुआ, फिर वही सब हुआ
उसपे ये क़र्ज़ था, उसका ये फ़र्ज़ था
फ़र्ज़ को क़र्ज़ अपना चुकाना था
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