आदमी मुसाफिर है - Aadmi Musafir Hai (Lata Mangeshkar, Md.Rafi, Apnanpan)

Movie/Album: अपनापन (1977)
Music By: लक्ष्मीकांत प्यारेलाल
Lyrics By: आनंद बक्षी
Performed By: लता मंगेशकर, मो.रफ़ी

आदमी मुसाफिर है, आता है, जाता है
आते जाते रस्ते में, यादें छोड जाता है

झोंका हवा का, पानी का रेला
मेले में रह जाये जो अकेला
फिर वो अकेला ही रह जाता है
आदमी मुसाफिर है...

कब छोड़ता है, ये रोग जी को
दिल भूल जाता है जब किसी को
वो भूलकर भी याद आता है
आदमी मुसाफिर है...

क्या साथ लाये, क्या तोड़ आये
रस्ते में हम क्या-क्या छोड़ आये
मंजिल पे जा के याद आता है
आदमी मुसाफिर है...

जब डोलती है, जीवन की नैय्या
कोई तो बन जाता है खिवैय्या
कोई किनारे पे ही डूब जाता है
आदमी मुसाफिर है...
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