इतना टूटा हूँ के - Itna Toota Hoon Ke (Ghulam Ali, Ghazal)

Lyrics By: मोईन नज़र
Performed By: गुलाम अली

इतना टूटा हूँ के छूने से बिखर जाऊँगा
अब अगर और दुआ दोगे तो मर जाऊँगा

पूछकर मेरा पता वक्त रायदा न करो
मैं तो बंजारा हूँ क्या जाने किधर जाऊँगा
इतना टूटा हूँ के...

हर तरफ़ धुंध है, जुगनू है, न चराग कोई
कौन पहचानेगा बस्ती में अगर जाऊँगा
इतना टूटा हूँ के...

ज़िन्दगी मैं भी मुसाफिर हूँ तेरी कश्ती का
तू जहाँ मुझसे कहेगी मैं उतर जाऊँग
इतना टूटा हूँ के...

फूल रह जायेंगे गुलदानों में यादों की नज़र
मै तो खुशबु हूँ फिज़ाओं में बिखर जाऊँगा
इतना टूटा हूँ के...

13 comments :

  1. बहुत जबरदस्त अनुपमापूर्व

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  2. Jindgi issi ka naam hai doston

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  3. एक सराहनीय सुन्दर कार्य !!! इसे यूँ ही पूर्ववत करते रहियेI

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  4. Jitni bhi tarif kro kam hai

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  5. Bahut hi khubsurat ghazal😄😄😄

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  6. East ho ya west our old ghazal singer is the best

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  7. बहुत ही सुन्दर गायकी

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  8. It is not rayeda, correct word is rayenga

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