Movie/Album: सिंघम रिटर्न्स (2014)
Music By: अंकित तिवारी
Lyrics By: संदीप नाथ, अभेन्द्र कुमार उपाध्याय
Performed By: अंकित तिवारी, तुलसी कुमार
रातों को अपनी पलकों से
ख़्वाब सजाने दो
फिर ख़्वाबों को आँखों से
नींद चुराने दो
ख़ामोशियाँ रखती हैं
अपनी भी एक जुबां
ख़ामोशी को चुपके से
सब कह जाने दो
कुछ तो हुआ है (ये क्या हुआ)
जो ना पता है (ये जो हुआ)
कुछ तो हुआ है
समझो कुछ समझो ना
जो कदम कदम चलूँ
तुझे ही तय करूँ मैं
साँसें बुनकर तुझे ओढ़ लूं
तू ख्याल सा मिला है
जिसको गिन सकूँ मैं
आदतों में तुझे जोड़ लूं
तुझसे रौशन, रातें सारी
तुझपे ही ख़तम बातें सारी
ख़ामोशियाँ रखती हैं...
तुझे एक बार प्यार से
जो छू सकूँ मैं
वक़्त को फिर वहीँ रोक दूँ
फिर दिल मचल के गर
हदों को भूल जाए
धडकनों का सफ़र छोड़ दूँ
तूने दी है सारी खुशियाँ
तू है तो है मेरी दुनिया
ख़ामोशियाँ रखती हैं...
Music By: अंकित तिवारी
Lyrics By: संदीप नाथ, अभेन्द्र कुमार उपाध्याय
Performed By: अंकित तिवारी, तुलसी कुमार
रातों को अपनी पलकों से
ख़्वाब सजाने दो
फिर ख़्वाबों को आँखों से
नींद चुराने दो
ख़ामोशियाँ रखती हैं
अपनी भी एक जुबां
ख़ामोशी को चुपके से
सब कह जाने दो
कुछ तो हुआ है (ये क्या हुआ)
जो ना पता है (ये जो हुआ)
कुछ तो हुआ है
समझो कुछ समझो ना
जो कदम कदम चलूँ
तुझे ही तय करूँ मैं
साँसें बुनकर तुझे ओढ़ लूं
तू ख्याल सा मिला है
जिसको गिन सकूँ मैं
आदतों में तुझे जोड़ लूं
तुझसे रौशन, रातें सारी
तुझपे ही ख़तम बातें सारी
ख़ामोशियाँ रखती हैं...
तुझे एक बार प्यार से
जो छू सकूँ मैं
वक़्त को फिर वहीँ रोक दूँ
फिर दिल मचल के गर
हदों को भूल जाए
धडकनों का सफ़र छोड़ दूँ
तूने दी है सारी खुशियाँ
तू है तो है मेरी दुनिया
ख़ामोशियाँ रखती हैं...
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