जिस प्यार में ये हाल हो - Jis Pyar Mein Ye Haal Ho (Md.Rafi, Mukesh, Phir Subah Hogi)

Movie/Album: फिर सुबह होगी (1958)
Music By: खय्याम
Lyrics By: साहिर लुधियानवी
Performed By: मो.रफ़ी, मुकेश

फिरते थे जो बड़े ही सिकंदर बने हुये
बैठे हैं उनके दर पे कबूतर बने हुये
जिस प्यार में ये हाल हो, उस प्यार से तौबा
तौबा, उस प्यार से तौबा
जो बोर करे यार को, उस यार से तौबा
तौबा, उस यार से तौबा

हमने भी ये सोचा था कभी प्यार करेंगे
छुप-छुप के किसी शोख हसीना पे मरेंगे
देखा जो अज़ीज़ों को मुहब्बत में तड़पते
दिल कहने लगा, हम तो मुहब्बत से डरेंगे
इन नरगिसी आँखों के छुपे वार से तौबा
जो बोर करे यार को उस यार से तौबा
तौबा, उस यार से तौबा...

तुम जैसों की नज़रें न हसीनों से लड़ेंगीं
ग़र लड़ भी गईं, अपने ही क़दमों पे गड़ेंगीं
भूले से किसी शोख पे दिल फ़ेंक न देना
झड़ जायेंगे सब बाल वो बेभाव पड़ेंगीं
तुम जैसों को जो पड़ती है
उस मार से तौबा, तौबा, उस मार से तौबा
जिस प्यार में ये हाल हो...

दिल जिनका जवाँ है वो सदा इश्क़ करेंगे
जो इश्क़ करेंगे वो सदा, हाय आह भरेंगे
जो दूर से देखेंगे, वो जल-जल के मरेंगे
जल-जल के मरेंगे तो कोई फ़िक्र नहीं है
माशूक़ के क़दमों पे मगर सर न धरेंगे
सरकार से तौबा, मेरी, सरकार से तौबा
जिस प्यार में ये हाल हो...
Print Friendly and PDF

No comments :

Post a Comment

यह वेबसाइट/गाना पसंद है? तो कुछ लिखें...