Movie/Album: बातों बातों में (1979)
Music By: राजेश रोशन
Lyrics By: योगेश
Performed By: किशोर कुमार
कहाँ तक ये मन को अँधेरे छलेंगे
उदासी भरे दिन, कभी तो ढलेंगे
कभी सुख, कभी दुःख, यही ज़िन्दगी है
ये पतझड़ का मौसम, घड़ी दो घड़ी है
नए फूल कल फिर डगर में खिलेंगे
उदासी भरे दिन...
भले तेज़ कितना हवा का हो झोंका
मगर अपने मन में तू रख ये भरोसा
जो बिछड़े सफ़र में तुझे फिर मिलेंगे
उदासी भरे दिन...
कहे कोई कुछ भी, मगर सच यही है
लहर प्यार की जो, कहीं उठ रही है
उसे एक दिन तो, किनारे मिलेंगे
उदासी भरे दिन...
Music By: राजेश रोशन
Lyrics By: योगेश
Performed By: किशोर कुमार
कहाँ तक ये मन को अँधेरे छलेंगे
उदासी भरे दिन, कभी तो ढलेंगे
कभी सुख, कभी दुःख, यही ज़िन्दगी है
ये पतझड़ का मौसम, घड़ी दो घड़ी है
नए फूल कल फिर डगर में खिलेंगे
उदासी भरे दिन...
भले तेज़ कितना हवा का हो झोंका
मगर अपने मन में तू रख ये भरोसा
जो बिछड़े सफ़र में तुझे फिर मिलेंगे
उदासी भरे दिन...
कहे कोई कुछ भी, मगर सच यही है
लहर प्यार की जो, कहीं उठ रही है
उसे एक दिन तो, किनारे मिलेंगे
उदासी भरे दिन...
A most beautiful, evergreen song.... K. J. Singh
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