Movie/Album: आई मिलन की बेला (1964)
Music By: शंकर जयकिशन
Lyrics By: हसरत जयपुरी
Performed By: मो.रफ़ी
तुम कमसिन हो, नादाँ हो, नाज़ुक हो, भोली हो
सोचता हूँ मैं कि तुम्हें प्यार ना करूँ
मदहोश अदा ये अल्हड़पन
बचपन तो अभी रूठा ही नहीं
एहसास है क्या और क्या है तड़प
इस सोच में दिल डूबा ही नहीं
तुम कमसिन हो...
तुम आहें भरो और शिकवे करो
ये बात हमें मंज़ूर नहीं
तुम तारे गिनो और नींद उड़े
वो रात हमें मंज़ूर नहीं
तुम कमसिन हो...
Music By: शंकर जयकिशन
Lyrics By: हसरत जयपुरी
Performed By: मो.रफ़ी
तुम कमसिन हो, नादाँ हो, नाज़ुक हो, भोली हो
सोचता हूँ मैं कि तुम्हें प्यार ना करूँ
मदहोश अदा ये अल्हड़पन
बचपन तो अभी रूठा ही नहीं
एहसास है क्या और क्या है तड़प
इस सोच में दिल डूबा ही नहीं
तुम कमसिन हो...
तुम आहें भरो और शिकवे करो
ये बात हमें मंज़ूर नहीं
तुम तारे गिनो और नींद उड़े
वो रात हमें मंज़ूर नहीं
तुम कमसिन हो...
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