Movie/Album: शबनम (1964)
Music By: उषा खन्ना
Lyrics By: जावेद अनवर
Performed By: मुकेश
तेरी निगाहों पे मर मर गये हम
बांकी अदाओं पे मर मर गये हम
क्या करें, क्या करें, क्या करें
जुल्फों में ले के काली रात चले
सारा जमाना लिये साथ चले
ऐसे में जीने का मज़ा है सनम
आँखों से तेरी मेरी बात चले
बेवफ़ा एक निगाह देख ले, देख भी ले
तेरी निगाहों पे मर...
वल्लाह बेघर हूँ, बेनाम हूँ मैं
दिल ने जो भेजा वो सलाम हूँ मैं
साक़ी की जिसपे नज़र ना हुई
ऐसा ही प्यासा एक जाम हूँ मैं
बेवफ़ा एक निगाह देख ले, देख भी ले
तेरी निगाहों पे मर...
तेरी अदा का तो जवाब नहीं
मेंरी वफ़ा का भी हिसाब नहीं
सूरत तुम्हारी बड़ी खूब सही
दिल तो हमारा भी खराब नहीं
बेवफ़ा एक निगाह देख ले, देख भी ले
तेरी निगाहों पे मर...
Music By: उषा खन्ना
Lyrics By: जावेद अनवर
Performed By: मुकेश
तेरी निगाहों पे मर मर गये हम
बांकी अदाओं पे मर मर गये हम
क्या करें, क्या करें, क्या करें
जुल्फों में ले के काली रात चले
सारा जमाना लिये साथ चले
ऐसे में जीने का मज़ा है सनम
आँखों से तेरी मेरी बात चले
बेवफ़ा एक निगाह देख ले, देख भी ले
तेरी निगाहों पे मर...
वल्लाह बेघर हूँ, बेनाम हूँ मैं
दिल ने जो भेजा वो सलाम हूँ मैं
साक़ी की जिसपे नज़र ना हुई
ऐसा ही प्यासा एक जाम हूँ मैं
बेवफ़ा एक निगाह देख ले, देख भी ले
तेरी निगाहों पे मर...
तेरी अदा का तो जवाब नहीं
मेंरी वफ़ा का भी हिसाब नहीं
सूरत तुम्हारी बड़ी खूब सही
दिल तो हमारा भी खराब नहीं
बेवफ़ा एक निगाह देख ले, देख भी ले
तेरी निगाहों पे मर...
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