Movie/Album: इन्सान जाग उठा (1959)
Music By: एस.डी.बर्मन
Lyrics By: शैलेन्द्र
Performed By: आशा भोंसले, मो.रफ़ी
नटखट तारों हमें ना निहारो, हमरी ये प्रीत नयी
चाँद सा मुखड़ा क्यों शरमाया
आँख मिली और दिल घबराया
झुक गये चंचल नैना, इक झलकी दिखला के
बोलो गोरी क्या रखा है, पलकों में छुपाके
तुझको रे साँवरिया, तुझसे ही चुराके
नैनों में सजाया मैंने कजरा बसा के
नींद चुराई तूने दिल भी चुराया
चाँद सा मुखड़ा...
ये भीगे नज़ारे, करते हैं इशारे
मिलने की ये रुत है गोरी, दिन हैं हमारे
सुन लो पिया प्यारे, क्या कहते हैं तारे
हमने तो बिछड़ते देखे कितनों के प्यारे
कभी न अलग हुई काया से छाया
चाँद सा मुखड़ा...
Music By: एस.डी.बर्मन
Lyrics By: शैलेन्द्र
Performed By: आशा भोंसले, मो.रफ़ी
नटखट तारों हमें ना निहारो, हमरी ये प्रीत नयी
चाँद सा मुखड़ा क्यों शरमाया
आँख मिली और दिल घबराया
झुक गये चंचल नैना, इक झलकी दिखला के
बोलो गोरी क्या रखा है, पलकों में छुपाके
तुझको रे साँवरिया, तुझसे ही चुराके
नैनों में सजाया मैंने कजरा बसा के
नींद चुराई तूने दिल भी चुराया
चाँद सा मुखड़ा...
ये भीगे नज़ारे, करते हैं इशारे
मिलने की ये रुत है गोरी, दिन हैं हमारे
सुन लो पिया प्यारे, क्या कहते हैं तारे
हमने तो बिछड़ते देखे कितनों के प्यारे
कभी न अलग हुई काया से छाया
चाँद सा मुखड़ा...
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