Movie/Album: रामपुर का लक्ष्मण (1972)
Music By: आर.डी.बर्मन
Lyrics By: मजरूह सुल्तानपुरी
Performed By: किशोर कुमार
रामपुर का बासी हूँ मैं लक्ष्मण मेरा नाम
सीधी-सादी बोली मेरी सीधा-सादा काम
ओ पर हूँ बड़ा अलबेला, सौ के बराबर अकेला
रामपुर का वासी...
रुकना-झुकना मैं क्या जानूँ ऐ भाई
हो यार की यारी मुझको यहाँ तलक़ लाई
अरे खेल तमाशा मुझको मत समझो प्यारो
हो अभी तो परदा उठने में देर है यारों
तुम देखोगे, उस रोज़ मुझे मैं अपनी जान पे जिस दिन खेला
रामपुर का बासी...
प्यार-मोहब्बत में वैसे तो ढीला हूँ
हो लेकिन दिल का मैं भी बड़ा रंगीला हूँ
अरे आँखों-आँखों ही में जिन पे लहराऊँ
ओ इन होंठों की लाली उतार ले जाऊँ
कर दूँ पागल होए, कोई गाँव की गोरी या कोई शहरी लैला
रामपुर का बासी...
सूट पहन के तुम देखो नक़ली सपना
हो मेरी धोती-कुरते पे सोचकर हँसना
अरे खद्दर की छाया में भारत जागा है
इस लाठी से अंग्रेज़ डर के भागा है
ये अंग्रेज़ी, फ़ैशन-वैशन मैं क्या जानूँ, मैं हूँ भारत का छैला
रामपुर का वासी...
Music By: आर.डी.बर्मन
Lyrics By: मजरूह सुल्तानपुरी
Performed By: किशोर कुमार
रामपुर का बासी हूँ मैं लक्ष्मण मेरा नाम
सीधी-सादी बोली मेरी सीधा-सादा काम
ओ पर हूँ बड़ा अलबेला, सौ के बराबर अकेला
रामपुर का वासी...
रुकना-झुकना मैं क्या जानूँ ऐ भाई
हो यार की यारी मुझको यहाँ तलक़ लाई
अरे खेल तमाशा मुझको मत समझो प्यारो
हो अभी तो परदा उठने में देर है यारों
तुम देखोगे, उस रोज़ मुझे मैं अपनी जान पे जिस दिन खेला
रामपुर का बासी...
प्यार-मोहब्बत में वैसे तो ढीला हूँ
हो लेकिन दिल का मैं भी बड़ा रंगीला हूँ
अरे आँखों-आँखों ही में जिन पे लहराऊँ
ओ इन होंठों की लाली उतार ले जाऊँ
कर दूँ पागल होए, कोई गाँव की गोरी या कोई शहरी लैला
रामपुर का बासी...
सूट पहन के तुम देखो नक़ली सपना
हो मेरी धोती-कुरते पे सोचकर हँसना
अरे खद्दर की छाया में भारत जागा है
इस लाठी से अंग्रेज़ डर के भागा है
ये अंग्रेज़ी, फ़ैशन-वैशन मैं क्या जानूँ, मैं हूँ भारत का छैला
रामपुर का वासी...
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