फज़ा भी है जवां - Faza Bhi Hai Jawaan (Salma Agha, Nikaah)

Movie/Album: निकाह (1982)
Music By: रवि
Lyrics By: हसन कमाल
Performed By: सलमा आगा

फज़ा भी है जवाँ, जवाँ
हवा भी है रवाँ, रवाँ
सुना रहा है ये समा
सुनी सुनी सी दास्ताँ

पुकारते हैं दूर से, वो काफिले बहार के
बिखर गये हैं रंग से, किसी के इंतजार के
लहर लहर के होंठ पर, वफ़ा की है कहानियाँ
सुना रहा है ये समा...

बुझी मगर बुझी नहीं, न जाने कैसी प्यास है
करार दिल से आज भी, ना दूर है ना पास है
ये खेल धूप-छाँव का, ये कुरबतें, ये दूरियाँ
सुना रहा है ये समा...

हर एक पल को ढूंढता, हर एक पल चला गया
हर एक पल फिराक का, हर एक पल विसाल का
हर एक पल गुजर गया, बना के दिल पे इक निशाँ
सुना रहा है ये समा...
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