रूप सुहाना लगता है - Roop Suhana Lagta Hai (K.S.Chithra, SP Bala, The Gentleman)

Movie/Album: द जेंटलमैन (1994)
Music By: अनु मलिक
Lyrics By: इन्दीवर
Performed By: के.एस.चित्रा, एस.पी.बालासुब्रमनियम

रूप सुहाना लगता है, चाँद पुराना लगता है
तेरे आगे ओ जानम
रूप सुहाना लगता है, चाँद पुराना लगता है
तेरे आगे ओ जानम

तू भी क्या चीज़ है, हर दिल अज़ीज़ है
दिल चाहे देखे तुझे हम हर दम
रूप सुहाना लगता है...


मैं दीवाना आवारा पागल, गलियों में फिरता हूँ
मैं मारा मारा
महलों की तू रहने वाली, कैसे बनूँगा तेरा सहारा
फिर भी ना जाने, दिल क्यूँ ना माने
हर दिन हर पल तुझको पुकारे
रूप सुहाना लगता है...

महलों की क्या है मुझको ज़रुरतमैं तो तेरे दिल मैं रहूँगी
फूलों पे संग संग सब चलते हैं
काँटों मैं तेरे संग चलूंगी
होने लगा तू साँसों मैं शामिल
जीना है बस मुझे तेरे सहारे
रूप सुहाना लगता है...
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