Movie/Album: दो बदन (1966)
Music By: रवि
Lyrics By: शकील बदायुनी
Performed By: मो.रफ़ी
नसीब में जिसके जो लिखा था, वो तेरी महफ़िल में काम आया
किसी के हिस्से में प्यास आई, किसी के हिस्से में जाम आया
नसीब में जिसके जो लिखा था
मैं एक फसाना हूँ बेकसी का, ये हाल है मेरी ज़िन्दगी का
ना हुस्न ही मुझको रास आया, ना इश्क ही मेरे काम आया
नसीब में जिसके जो लिखा था...
बदल गयी तेरी मंज़िलें भी, बिछड गया मैं भी कारवाँ से
तेरी मुहब्बत के रास्ते में, न जाने ये क्या मकाम आया
नसीब में जिसके जो लिखा था...
तुझे भूलाने की कोशिशें भी, तमाम नाकाम हो गई हैं
किसी ने ज़िक्र-ए-वफ़ा किया जब, ज़ुबां पे तेरा ही नाम आया
नसीब में जिसके जो लिखा था...
Music By: रवि
Lyrics By: शकील बदायुनी
Performed By: मो.रफ़ी
नसीब में जिसके जो लिखा था, वो तेरी महफ़िल में काम आया
किसी के हिस्से में प्यास आई, किसी के हिस्से में जाम आया
नसीब में जिसके जो लिखा था
मैं एक फसाना हूँ बेकसी का, ये हाल है मेरी ज़िन्दगी का
ना हुस्न ही मुझको रास आया, ना इश्क ही मेरे काम आया
नसीब में जिसके जो लिखा था...
बदल गयी तेरी मंज़िलें भी, बिछड गया मैं भी कारवाँ से
तेरी मुहब्बत के रास्ते में, न जाने ये क्या मकाम आया
नसीब में जिसके जो लिखा था...
तुझे भूलाने की कोशिशें भी, तमाम नाकाम हो गई हैं
किसी ने ज़िक्र-ए-वफ़ा किया जब, ज़ुबां पे तेरा ही नाम आया
नसीब में जिसके जो लिखा था...
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