फूल है बहारों का - Phool Hai Baharon Ka (Lata Mangeshkar, Md.Rafi, Jigri Dost)

Movie/Album: जिगरी दोस्त (1969)
Music By: लक्ष्मीकांत प्यारेलाल
Lyrics By: आनंद बक्षी
Performed By: लता मंगेशकर, मो.रफ़ी

फूल है बहारों का, बाग़ है नज़ारों का
और चाँद होता है सितारों का
मेरा तू, तू ही तू...

मौज है किनारों की, रात बेकरारों की
और रिमझिम सावन फुहारों की
मेरी तू, तू ही तू...

कभी-कभी मैं खो जाऊँ
कहाँ ढूंढें, कहाँ जाएँ
मेरा पता फिर तू किसे पूछे
जिसके दिल में तू बसा है
जिसके दिल में तू छुपा है
वो तुझे गलियों में क्यों ढूंढें
नाम मस्ताने का, इश्क है दीवाने का
और तीर होता है निशाने का
मेरी तू, तू ही तू...

ओ दीवाने मैंने ऐसा
क्या कहा है, क्या हुआ है
तूने दिल क्यों थाम लिया है
ओ हसीना, क्या बताऊँ
तेरे दिल ने, मेरे दिल को
प्यार भरा पैगाम दिया है
रीत है ज़माने की, बात है फ़साने की
और शमा होती है परवाने की
मेरा तू, तू ही तू...
Print Friendly and PDF

No comments :

Post a Comment

यह वेबसाइट/गाना पसंद है? तो कुछ लिखें...