बे इन्तेहाँ - Be Intehaan (Atif, Sunidhi, Race 2)

Movie/Album: रेस २ (2013)
Music By: प्रीतम चक्रवर्ती
Lyrics By: मयूर पूरी
Performed By: आतिफ असलम, सुनिधि चौहान

सुनो ना कहे क्या, सुनो ना
दिल मेरा सुनो ना, सुनो ज़रा
तेरी बाहों में, मुझे रहना है रात भर
तेरी बाँहों में, होगी सुबह
बे इन्तेहाँ, बे इन्तेहाँ
यूँ प्यार कर, यूँ प्यार कर
बे इन्तेहाँ...
देखा करूँ, सारी उमर, सारी उमर
तेरे निशां, बे इन्तेहाँ
कोई कसर ना रहे
मेरी ख़बर ना रहे
छू ले मुझे इस कदर
बे इन्तेहाँ...

जब साँसों में तेरी सासें घुली तो फिर सुलगने लगे
एहसास मेरे मुझसे कहने लगे
हाँ बाहों में तेरी आ के जहां दो यूँ सिमटने लगे
सैलाब जैसे कोई बहने लगे
खोया हूँ मैं आगोश में, तू भी कहाँ अब होश में
मखमली रात की हो ना सुबह
बे इन्तेहाँ...

गुस्ताखियाँ कुछ तुम करो, कुछ हम करें इस तरह
शर्मा के दो साए हैं जो, मुँह फेर ले हमसे यहाँ
हाँ छू तो लिया है ये जिस्म तूने, रूह भी चूम ले
अल्फ़ाज़ भीगे-भीगे क्यूँ है मेरे
हाँ यूँ चूर हो के मजबूर हो के, क़तरा-क़तरा कहे
एहसास भीगे-भीगे क्यूँ हैं मेरे
दो बेखबर भीगे बदन, हो बेसबर भीगे बदन
ले रहे रात भर अंगड़ाईयाँ
बे इन्तेहाँ...
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