ऊपर गगन विशाल - Upar Gagan Vishal (Manna Dey, Mashaal)

Movie/Album: मशाल (1950)
Music By: एस.डी.बर्मन
Lyrics By: कवि प्रदीप
Performed By: मन्ना डे

ऊपर गगन विशाल
नीचे गहरा पाताल
बीच में धरती वाह मेरे मालिक
तूने किया कमाल
अरे वाह मेरे मालिक
क्या तेरी लीला
तूने किया कमाल
ऊपर गगन विशाल...

एक फूँक से रच दिया तूने
सूरज अगन का गोला
एक फूँक से रचा चन्द्रमा
लाखों सितारों का टोला
तूने रच दिया पवन झखोला
ये पानी और ये शोला
ये बादल का उड़न खटोला
जिसे देख हमारा मन डोला
सोच-सोच हम करें अचम्भा
नज़र न आता एक भी खम्बा
फिर भी ये आकाश खड़ा है
हुए करोड़ों साल मालिक
तूने किया कमाल
ऊपर गगन विशाल...

तूने रचा एक अद्भुत प्राणी
जिसका नाम इंसान
जिसकी नन्हीं जान के भीतर
भरा हुआ तूफ़ान
इस जग में इनसान के दिल को
कौन सका पहचान
इसमें ही शैतान बसा है
इसमें ही भगवान
बड़ा ग़ज़ब का है ये खिलौना
इसकी नहीं मिसाल
मालिक तूने किया कमाल
ऊपर गगन विशाल...

चारों तरफ इक इंद्रजाल सा
तूने रचा विधाता
तू हम सबके बीच बसा है
फिर क्यूँ नज़र न आता
पत्ता-पत्ता लता लता
पूछ रहे सब तेरा पता
कहाँ छुपा है ये तो बता
सामने आजा, अब न सता
एक बार तो झलक दिखा जा
कर जा हमें निहाल
मालिक तूने किया कमाल
ऊपर गगन विशाल...
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