Movie/Album: वीर (2010)
Music By: साजिद-वाजिद
Lyrics By: गुलज़ार
Performed By: रूप कुमार राठौड़, श्रेया घोषाल, सुजैन डीमेलो
दबी-दबी साँसों में सुना था मैंने
बोले बिना मेरा नाम आया
पलकें झुकीं और उठने लगीं तो
हौले से उसका सलाम आया
दबी-दबी साँसों में
जब बोले वो जब बोले
उसकी आँख में रब बोले
पास-पास ही रहना तुम
आँख-आँख में कहना तुम
देखा तुम्हें तो आराम आया
दबी-दबी साँसों में...
रोज़ ही दिल की आग उठाकर
हाथ पे लेकर चलना है
तेरे बिना, बिना तेरे बूँद-बूँद
अब रात रात भर जलना है
तू मिले ना मिले, ये हसीं सिलसिले
वक़्त के सख्त हैं अब ये कटते नहीं
तेरे बिना साँस भी चलती है
तेरे बिना दिल भी धड़कता है
याद नहीं था याद आया
दबी-दबी साँसों में...
दिन की तरह तुम सर पे आना
शाम के जैसे ढलना तुम
ख्वाब बिछा रखे हैं राह में
सोच-समझ कर चलना तुम
नींद की छाँव से, तुम दबे पाँव से
यूँ गये वो निशाँ अब तो मिटते नहीं
तेरे लिए चाँद भी रुकता है
तेरे लिए ओस ठहरती है
याद नहीं था याद आया
दबी-दबी साँसों में....
सलाम आया, सलाम आया
Music By: साजिद-वाजिद
Lyrics By: गुलज़ार
Performed By: रूप कुमार राठौड़, श्रेया घोषाल, सुजैन डीमेलो
दबी-दबी साँसों में सुना था मैंने
बोले बिना मेरा नाम आया
पलकें झुकीं और उठने लगीं तो
हौले से उसका सलाम आया
दबी-दबी साँसों में
जब बोले वो जब बोले
उसकी आँख में रब बोले
पास-पास ही रहना तुम
आँख-आँख में कहना तुम
देखा तुम्हें तो आराम आया
दबी-दबी साँसों में...
रोज़ ही दिल की आग उठाकर
हाथ पे लेकर चलना है
तेरे बिना, बिना तेरे बूँद-बूँद
अब रात रात भर जलना है
तू मिले ना मिले, ये हसीं सिलसिले
वक़्त के सख्त हैं अब ये कटते नहीं
तेरे बिना साँस भी चलती है
तेरे बिना दिल भी धड़कता है
याद नहीं था याद आया
दबी-दबी साँसों में...
दिन की तरह तुम सर पे आना
शाम के जैसे ढलना तुम
ख्वाब बिछा रखे हैं राह में
सोच-समझ कर चलना तुम
नींद की छाँव से, तुम दबे पाँव से
यूँ गये वो निशाँ अब तो मिटते नहीं
तेरे लिए चाँद भी रुकता है
तेरे लिए ओस ठहरती है
याद नहीं था याद आया
दबी-दबी साँसों में....
सलाम आया, सलाम आया
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