समुंदर में नहा के - Samundar Mein Naha Ke (R.D.Burman, Pukaar)

Movie/Album: पुकार (1983)
Music By: राहुल देव बर्मन
Lyrics By: गुलशन बावरा
Performed By: राहुल देव बर्मन

जुली, जुली!

समुन्दर में नहा के और भी नमकीन हो गई हो
अरे लगा है प्यार का वो रंग के रंगीन हो गई हो
समुन्दर में नहा के...

देखा तुझको दिल में आया देखता ही रहूँ
भीगे-भीगे बदन को तेरे खिलता कमल कहूँ
मेरी नज़र की तुम भी शौक़ीन हो गई हो
समुन्दर में नहा के...

हँसती हो तो दिल की धड़कन हो जाये और जवाँ
चलती हो जब लहरा के तो दिल में उठे तूफ़ाँ
पहले थी बेहतर अब तो बेहतरीन हो गई हो
समुन्दर में नहा के...

No comments :

Post a Comment

यह वेबसाइट/गाना पसंद है? तो कुछ लिखें...