चढ़ गयो पापी बिछुआ - Chadh Gayo Paapi Bichhua (Lata Mangeshkar, Manna Dey, Madhumati)

Movie/Album: मधुमती (1958)
Music By: सलिल चौधरी
Lyrics By: शैलेन्द्र
Performed By: लता मंगेशकर, मन्ना डे

ओ बिछुआ, हाय रे
पीपल छैयाँ, बैठी पल-भर
हो भर के गगरिया हाय रे

होये होये होये
दैय्या रे, दैय्या रे
चढ़ गया पापी बिछुआ
हाय हाय रे मर गयी
कोई उतारो बिछुआ
दैय्या रे दैय्या रे...

कैसो-रो पापी बिछुआ, बिछुआ
दैय्या रे दैय्या रे...

मंतर फेरूँ, कोमल काया
छोड़ के जारे छू
जा रे, जा रे, जा रे
और भी चढ़ गयो
न गयो पापी बिछुआ
कैसी ये आग लगा गयो, पापी बिछुआ
हो सारे बदन पे छा गयो, पापी बिछुआ
कैसो रे पापी बिछुआ, बिछुआ
दैय्या रे दैय्या रे...

मंतर झूठा, वैद्य भी झूठा
पिया घर आ रे, आ रे, आ रे, आ रे
ओये ओये ओये
देखो रे, देखो रे, देखो उतर गयो बिछुआ
टूट के रह गयो डंक, उतर गयो बिछुआ
सैयाँ को देख के जाने किधर गयो बिछुआ
कैसो रे पापी बिछुआ, बिछुआ
दैय्या रे दैय्या रे...
Print Friendly and PDF

No comments :

Post a Comment

यह वेबसाइट/गाना पसंद है? तो कुछ लिखें...