हर एक घर में दीया - Har Ek Ghar Mein Diya (Jagjit Singh, Dhoop)

Movie/Album: धूप (2003)
Music By: ललित सेन
Lyrics By: निदा फ़ाज़ली
Performed By: जगजीत सिंह

हर एक घर में दीया भी जले, अनाज भी हो
अगर ना हो कहीं ऐसा तो एहतजाज भी हो
हर एक घर में..

हुकूमतों को बदलना तो कुछ मुहाल नहीं
हुकूमतें जो बदलता है वो समाज भी हो
अगर ना हो कहीं ऐसा तो एहतजाज भी हो
हर एक घर में...

रहेगी कब तलक वादों में कैद खुशहाली
हर एक बार ही कल क्यों, कभी तो आज भी हो
अगर ना हो कहीं ऐसा तो एहतजाज भी हो
हर एक घर में...

ना करते शोर शराबा तो और क्या करते
तुम्हारे शहर में कुछ और काम-काज भी हो
अगर ना हो कहीं ऐसा तो एहतजाज भी हो
हर एक घर में...
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