कोई हसीना जब - Koi Haseena Jab (Kishore Kumar, Sholay)

Movie/Album: शोले (1975)
Music By: राहुल देव बर्मन
Lyrics By: आनंद बक्षी
Performed By: किशोर कुमार

कोई हसीना जब रूठ जाती है
तो और भी हसीन हो जाती है
टेसन से गाड़ी जब छूट जाती है
तो एक, दो, तीन हो जाती है

हाथों में चाबुक, होंठों पे गालियाँ
बड़ी नखरे वालियाँ, होती हैं तांगे वालियाँ
कोई तांगे वाली जब रूठ जाती है तो, है तो, है तो
और नमकीन हो जाती है
कोई हसीना जब रूठ...

ज़ुल्फ़ों में छैय्याँ, मुखड़े पे धूप है
बड़ा मज़ेदार गोरिये, ये तेरा रंग-रूप है
डोर से पतंग जब टूट जाती है तो, है तो, है तो
रुत रंगीन हो जाती है
कोई हसीना जब रूठ...
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