Movie/Album: अमरदीप (1958)
Music By: सी.रामचंद्र
Lyrics By: राजेंद्र कृष्ण
Performed By: लता मंगेशकर
मेरे मन का बावरा पंछी, क्यों बार बार डोले
सपनों में आज किसका रह रह के प्यार डोले
मेरे मन का बावरा पंछी...
किसके ख्याल में नज़रें झुकी-झुकी हैं
देखो इधर भी लब पर आहें रुकी-रुकी हैं
तुम हो करार जिस दिल का, वही बेक़रार डोले
मेरे मन का बावरा पंछी...
दिल को लगन है उसकी, मीठी नज़र है जिसकी
हम पास हैं तुम्हारे, फिर दिल में याद है किसकी
तुम जो नज़र मिलाओ, दिल में बहार डोले
मेरे मन का बावरा पंछी...
कब से खड़े हुए हैं, कह दो तो लौट जाएँ
तुम्हें दूर ही से देखें, हरगिज़ न पास आएँ
आँखों में ज़िन्दगी भर तक, तेरा इंतज़ार डोले
मेरे मन का बावरा पंछी...
Music By: सी.रामचंद्र
Lyrics By: राजेंद्र कृष्ण
Performed By: लता मंगेशकर
मेरे मन का बावरा पंछी, क्यों बार बार डोले
सपनों में आज किसका रह रह के प्यार डोले
मेरे मन का बावरा पंछी...
किसके ख्याल में नज़रें झुकी-झुकी हैं
देखो इधर भी लब पर आहें रुकी-रुकी हैं
तुम हो करार जिस दिल का, वही बेक़रार डोले
मेरे मन का बावरा पंछी...
दिल को लगन है उसकी, मीठी नज़र है जिसकी
हम पास हैं तुम्हारे, फिर दिल में याद है किसकी
तुम जो नज़र मिलाओ, दिल में बहार डोले
मेरे मन का बावरा पंछी...
कब से खड़े हुए हैं, कह दो तो लौट जाएँ
तुम्हें दूर ही से देखें, हरगिज़ न पास आएँ
आँखों में ज़िन्दगी भर तक, तेरा इंतज़ार डोले
मेरे मन का बावरा पंछी...
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