ओ दूर के मुसाफ़िर - O Door Ke Musafir (Md.Rafi, Uran Khatola)

Movie/Album: उड़न खटोला (1955)
Music By: नौशाद अली
Lyrics By: शकील बदायुनी
Performed By: मोहम्मद रफ़ी

चले आज तुम जहां से, हुई ज़िन्दगी पराई
तुम्हें मिल गया ठिकाना, हमें मौत भी न आई

ओ दूर के मुसाफ़िर हमको भी साथ ले ले रे
हमको भी साथ ले ले, हम रह गए अकेले

तूने वो दे दिया ग़म, बेमौत मर गये हम
दिल उठ गया जहां से, ले चल हमें यहाँ से
किस काम की ये दुनिया, जो ज़िन्दगी से खेले रे
हमको भी साथ ले ले...

सूनी हैं दिल की राहें, ख़ामोश हैं निगाहें
नाकाम हसरतों का उठने को है जनाज़ा
चारों तरफ लगे हैं बर्बादियों के मेले रे
हमको भी साथ ले ले...

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