गुनाह - Gunaah (Mustafa Zahid, Blood Money)

Movie/Album: ब्लड मनी (2012)
Music By: जीत गांगुली
Lyrics By: सईद क़ादरी
Performed By: मुस्तफ़ा ज़ाहिद

गुनाह किया दिल मैंने यार का तोड़ के
गुनाह किया उसे इक दिन तन्हाँ छोड़ के
तू मिल ना पाये, हम जी ना पायें
कही मर ना जायें कैसी है, कैसी है बेबसी
दिल फिर से चाहे, तेरी ही पनाहें
कही मर ना जायें ज़िन्दगी
गुनाह किया दिल मैंने यार का तोड़ के

आँखें हैं नम, धड़कन मद्धम
अब मान जा रूठे सनम
साँसें चुभन, टूटा सा मन
और ना सता, ओ जानेमन
तू मिल ना पाए...

मेरा हर पल, अब तो बोझल
वीरान सा दिल ये हर दम
लाखों हैं गम, तन्हाँ हैं हम
कैसे सहें इतना सितम
तू मिल ना पाए...

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