Movie/Album: हम पंछी एक डाल के (1957)
Music By: एन.दत्ता
Lyrics By: प्यारेलाल संतोषी
Performed By: आशा भोंसले
पूजा के दो फूल चढ़ाकर कहता है इंसान
के मुझको मिल जाये भगवान
ओ मूरख, ओ नादान, इतना नहीं आसान
के तुझको मिल जाये भगवान
पूजा के दो फूल चढ़ाकर...
भगवान बसे भैया खेतों में
भगवान बसे खलिहानों में
भैया वो तो बसे मजदूरों में
भैया वो तो बसे किसानों में
गंगा जी में मार के डुबकी
कहता है इंसान
के मुझको मिल जाये भगवान
पूजा के दो फूल चढ़ाकर...
भगवान बसे भैया बाँधों में
भगवान बसे भैया खानों में
भैया वो तो बसे उद्योगों में
भैया वो तो बसे कारखानों में
माथे चौड़ा तिलक लगाकर
कहता है इंसान
के मुझको मिल जाये भगवान
पूजा के दो फूल चढ़ाकर...
जो तू चाहे अरे बावले मिल जाये भगवान
तू धरले मन में इतना ध्यान
जगा ले मन में इतना ज्ञान
क्या गरीब क्या धनवान
सभी है जग में एक समान
सभी का दुःख अपना दुःख जान
इसे कहते हैं जग कल्याण
उसी में प्रभु को तू पहचान
उसी में रहते हैं भगवान
उसी में बसते हैं भगवान
यही हमारे तीरथ मंदिर
यही हैं चारों धाम
यही हमारे कृष्ण कन्हैया
यही हमारे राम
Music By: एन.दत्ता
Lyrics By: प्यारेलाल संतोषी
Performed By: आशा भोंसले
पूजा के दो फूल चढ़ाकर कहता है इंसान
के मुझको मिल जाये भगवान
ओ मूरख, ओ नादान, इतना नहीं आसान
के तुझको मिल जाये भगवान
पूजा के दो फूल चढ़ाकर...
भगवान बसे भैया खेतों में
भगवान बसे खलिहानों में
भैया वो तो बसे मजदूरों में
भैया वो तो बसे किसानों में
गंगा जी में मार के डुबकी
कहता है इंसान
के मुझको मिल जाये भगवान
पूजा के दो फूल चढ़ाकर...
भगवान बसे भैया बाँधों में
भगवान बसे भैया खानों में
भैया वो तो बसे उद्योगों में
भैया वो तो बसे कारखानों में
माथे चौड़ा तिलक लगाकर
कहता है इंसान
के मुझको मिल जाये भगवान
पूजा के दो फूल चढ़ाकर...
जो तू चाहे अरे बावले मिल जाये भगवान
तू धरले मन में इतना ध्यान
जगा ले मन में इतना ज्ञान
क्या गरीब क्या धनवान
सभी है जग में एक समान
सभी का दुःख अपना दुःख जान
इसे कहते हैं जग कल्याण
उसी में प्रभु को तू पहचान
उसी में रहते हैं भगवान
उसी में बसते हैं भगवान
यही हमारे तीरथ मंदिर
यही हैं चारों धाम
यही हमारे कृष्ण कन्हैया
यही हमारे राम
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