रब का शुक्राना - Rab Ka Shukrana (Mohit Chauhan, Jannat 2)

Movie/Album: जन्नत 2 (2012)
Music By: प्रीतम चक्रबर्ती
Lyrics By: सईद क़ादरी
Performed By: मोहित चौहान

तू है अब जो बाँहों में क़रार है
रब का शुक्राना
साँसों में है नशा ख़ुमार है
रब का शुक्राना
तू ही अब मेरा दीन है ईमान है
रब का शुक्राना
मेरा कलमा है तू अज़ान है
रब का शुक्राना

तू मिला तो सब मिला, अब किसी से क्या गिला
तुझमें सिमटूँ आ मैं बिखरुँ तेरी बाँहों में
फ़ना हो जाऊँ मैं
तू ही अब दुनिया मेरी जहान है
रब का शुक्राना
ख़्वाबों की ख़यालों की उड़ान है
रब का शुक्राना
तू ही अब मेरा दीन है ईमान है
रब का शुक्राना...

सब से हो जाऊँ परे, जो इशारा तू करे
अब तो रहना है तुझी में गुमशुदा हूँ मैं
तेरी बाँहों में
जज़्बों का अब तो नया बयान है
रब का शुक्राना
नया रूतबा नयी शान है
रब का शुक्राना
तू ही अब मेरा दीन है ईमान है
रब का शुक्राना...

No comments :

Post a Comment

यह वेबसाइट/गाना पसंद है? तो कुछ लिखें...