तक तक धूम धूम - Tak Tak Dhoom Dhoom (Lata Mangeshkar, Do Aankhen Barah Haath)

Movie/Album: दो आँखे बारह हाथ (1957)
Music By: वसंत देसाई
Lyrics By: भरत व्यास
Performed By: लता मंगेशकर

आओ आओ होनहार और प्यार बच्चे
प्यारे बच्चे, उम्र के कच्चे, बात के सच्चे
जीवन की एक बात बताऊँ
जीवन की एक बात बताऊँ
मुसीबतों से डरो नहीं
बुज़दिल बन के मरो नहीं
रोते-रोते क्या है जीना
नाचो दुःख में तान के सीना
नाचो दुःख में तान के सीना

तक तक धूम धूम, तक तक धूम धूम
तक तक धूम धूम, तक तक धूम धूम
तक तक धूम धूम...
रात अंधियारी हो, घिरी घटायें कारी हो
रास्ता सुनसान हो, आँधी और तूफान हो
मंजिल तेरी दूर हो, पाँव तेरे मजबूर हो
तो क्या करोगे, रुक जाओगे?
ना, तो क्या करोगे?
तक तक धूम धूम...

देश में विपदा भारी हो, जनता सब दुखियारी हो
भुखमरी, आकाल हो, बाढ़ और भूचाल हो
मुल्क में हाहाकार हो, चारों तरफ पुकार हो
तो क्या करोगे, चुप बैठोगे?
ना, तो क्या करोगे?
तक तक धूम धूम...

इंसानो के दुख पहचान, करके अपना सब कुरबान
बेबस का घर बस जाए, अपना घर जो उजड़ जाए
औरों को कर के आबाद, हुए अगर जो तुम बर्बाद
तो क्या करोगे, रोओगे?
ना, तो क्या करोगे?
तक तक धूम धूम...

जग में घोर लड़ाई हो, वतन पर आफत आयी हो
घर में घुसे लुटेरे हों, आजादी को घेरे हों
बंदूको की मार हो, बड़े-बड़े लाचार हो
तो क्या करोगे, डर जाओगे?
ना, तो क्या करोगे?
तक तक धूम धूम...

No comments :

Post a Comment

यह वेबसाइट/गाना पसंद है? तो कुछ लिखें...