Movie/Album: ज़िद्द (2014)
Music By: शारिब-तोषी
Lyrics By: शकील आज़मी
Performed By: सुनिधी चौहान, शारिब सबरी
ऐसा लगा मुझे पहली दफ़ा
तन्हाँ मैं हो गई यारा
हूँ परेशान सी मैं
अब ये कहने के लिए
तू ज़रूरी सा है मुझको
ज़िंदा रहने के लिए
तू ज़रूरी सा है...
ऐसा लगा मुझे पहली दफ़ा
तन्हाँ मैं हो गया यारा
हूँ परेशान सा मैं
अब ये कहने के लिए
तू ज़रूरी सा है मुझको
ज़िंदा रहने के लिए
तू ज़रूरी सा है...
धड़के आँखों में दिल मेरा, जब करीब आऊँ तेरे
देखूँ मैं जब भी आईना, हाँ तू ही रूबरू रहे मेरे
इश्क की मौज में आ
आजा बहने के लिए
तू ज़रूरी सा है...
माँगू ना कोई आसमां, दो सितारों का जहां
बन जा तू मेरा हमसफ़र, ना मुझे चाहिए कोई मकाँ
दिल ही काफ़ी है तेरा
मेरे रहने के लिए
तू ज़रूरी सा है...
Music By: शारिब-तोषी
Lyrics By: शकील आज़मी
Performed By: सुनिधी चौहान, शारिब सबरी
ऐसा लगा मुझे पहली दफ़ा
तन्हाँ मैं हो गई यारा
हूँ परेशान सी मैं
अब ये कहने के लिए
तू ज़रूरी सा है मुझको
ज़िंदा रहने के लिए
तू ज़रूरी सा है...
ऐसा लगा मुझे पहली दफ़ा
तन्हाँ मैं हो गया यारा
हूँ परेशान सा मैं
अब ये कहने के लिए
तू ज़रूरी सा है मुझको
ज़िंदा रहने के लिए
तू ज़रूरी सा है...
धड़के आँखों में दिल मेरा, जब करीब आऊँ तेरे
देखूँ मैं जब भी आईना, हाँ तू ही रूबरू रहे मेरे
इश्क की मौज में आ
आजा बहने के लिए
तू ज़रूरी सा है...
माँगू ना कोई आसमां, दो सितारों का जहां
बन जा तू मेरा हमसफ़र, ना मुझे चाहिए कोई मकाँ
दिल ही काफ़ी है तेरा
मेरे रहने के लिए
तू ज़रूरी सा है...
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