Movie/Album: बेताब (1983)
Music By: राहुल देव बर्मन
Lyrics By: आनंद बक्षी
Performed By: शब्बीर कुमार
प्रेमी हूँ पागल हूँ मैं
रूप का आँचल हूँ मैं
प्यार का बादल हूँ मैं
पर्बतों से आज मैं टकरा गया
तुमने दी आवाज़ लो मैं आ गया
पर्बतों से आज मैं...
तुम बुलाओ मैं ना आऊँ ऐसा हरजाई नहीं
इतने दिन तुमको ही मेरी याद तक आई नहीं
आ गया यादों का मौसम आ गया
तुमने दी आवाज़...
उम्र ही ऐसी है कुछ ये तुम किसी से पूछ लो
एक साथी की ज़रूरत पड़ती है हर एक को
दिल तुम्हारा इसलिए घबरा गया
तुमने दी आवाज़...
खोल कर इन बंद आँखों को झरोखों की तरह
चोर आवारा हवा के मस्त झोकों की तरह
रेशमी ज़ुल्फों को मैं बिखरा गया
तुमने दी आवाज़...
Music By: राहुल देव बर्मन
Lyrics By: आनंद बक्षी
Performed By: शब्बीर कुमार
प्रेमी हूँ पागल हूँ मैं
रूप का आँचल हूँ मैं
प्यार का बादल हूँ मैं
पर्बतों से आज मैं टकरा गया
तुमने दी आवाज़ लो मैं आ गया
पर्बतों से आज मैं...
तुम बुलाओ मैं ना आऊँ ऐसा हरजाई नहीं
इतने दिन तुमको ही मेरी याद तक आई नहीं
आ गया यादों का मौसम आ गया
तुमने दी आवाज़...
उम्र ही ऐसी है कुछ ये तुम किसी से पूछ लो
एक साथी की ज़रूरत पड़ती है हर एक को
दिल तुम्हारा इसलिए घबरा गया
तुमने दी आवाज़...
खोल कर इन बंद आँखों को झरोखों की तरह
चोर आवारा हवा के मस्त झोकों की तरह
रेशमी ज़ुल्फों को मैं बिखरा गया
तुमने दी आवाज़...
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