Movie/Album: साजन की सहेली (1981)
Music By: ऊषा खन्ना
Lyrics By: मजरूह सुल्तानपुरी
Performed By: मोहम्मद रफी
ऐसे न थे हम जैसी हमारी
की रुसवाई लोगों ने
कुछ तुमने बदनाम किया
कुछ आग लगायी लोगों ने
ऐसे न थे हम
हो सकता है तुमने जो देखा हो
सनम तुम्हारी नज़रों का धोखा हो
दिल से ना दूर करो यार हमें
हमने किया है प्यार तुम्हें
एक ज़रा सी बात पे क्या क्या
बात बनायी लोगों ने
ऐसे न थे हम...
ठोकर में इस दिल को लिये
तोड़ के तुम तो चल भी दिये
तुमको ख़बर क्या, शहर में उस दिन
ईद मनायी लोगों ने
ऐसे न थे हम...
इश्क़ पे आफ़त क्या है न पूछो
दिल पे क़यामत क्या है न पूछो
ज़ख्म तुम्हारे ही हाथ का है
दुःख तो हमें इस बात का है
और ये क़यामत साथ तुम्हारे
मिल के उठाई लोगों ने
ऐसे न थे हम...
Music By: ऊषा खन्ना
Lyrics By: मजरूह सुल्तानपुरी
Performed By: मोहम्मद रफी
ऐसे न थे हम जैसी हमारी
की रुसवाई लोगों ने
कुछ तुमने बदनाम किया
कुछ आग लगायी लोगों ने
ऐसे न थे हम
हो सकता है तुमने जो देखा हो
सनम तुम्हारी नज़रों का धोखा हो
दिल से ना दूर करो यार हमें
हमने किया है प्यार तुम्हें
एक ज़रा सी बात पे क्या क्या
बात बनायी लोगों ने
ऐसे न थे हम...
ठोकर में इस दिल को लिये
तोड़ के तुम तो चल भी दिये
तुमको ख़बर क्या, शहर में उस दिन
ईद मनायी लोगों ने
ऐसे न थे हम...
इश्क़ पे आफ़त क्या है न पूछो
दिल पे क़यामत क्या है न पूछो
ज़ख्म तुम्हारे ही हाथ का है
दुःख तो हमें इस बात का है
और ये क़यामत साथ तुम्हारे
मिल के उठाई लोगों ने
ऐसे न थे हम...
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