Movie/Album: एक पहेली लीला (2015)
Music By: टोनी कक्कड़
Lyrics By: मनोज मुंतशिर
Performed By: मोहित चौहान
ख़ुदा भी जब तुम्हें मेरे पास देखता होगा
इतनी अनमोल चीज़ दे दी कैसे, सोचता होगा
तू बेमिसाल है, तेरी क्या मिसाल दूँ
आसमां से आई है, ये ही कह के टाल दूँ
फिर भी कोई जो पूछे, क्या है तू कैसी है
हाथों में रंग ले के, हवा में उछाल दूँ
ख़ुदा भी...
जो भी ज़मीं तेरे पाँव तले आए
कदमों से छू के वो आसमां हो जाए
तेरे आगे फीके-फीके सारे श्रिंगार हैं
मैं तो क्या फरिश्ते भी तुझपे निसार हैं
गरमी की शाम है तू, जाड़ों की धूप है
जितने भी मौसम हैं, तेरे कर्ज़दार है
ख़ुदा भी...
चेहरा है या जादू, रूप है या ख्वाब है
आँखें हैं या अफसाना, जिस्म या किताब है
आजा तुझे मैं पढ़ लूँ, दिल में उतार लूँ
होठों से देखूँ तुझे, आँखों से पुकार लूँ
ख्वाहिशें ये कहती हैं, कहती रहती हैं
ले के तुझे बाहों में, शामें गुज़ार लूँ
ख़ुदा भी...
Music By: टोनी कक्कड़
Lyrics By: मनोज मुंतशिर
Performed By: मोहित चौहान
ख़ुदा भी जब तुम्हें मेरे पास देखता होगा
इतनी अनमोल चीज़ दे दी कैसे, सोचता होगा
तू बेमिसाल है, तेरी क्या मिसाल दूँ
आसमां से आई है, ये ही कह के टाल दूँ
फिर भी कोई जो पूछे, क्या है तू कैसी है
हाथों में रंग ले के, हवा में उछाल दूँ
ख़ुदा भी...
जो भी ज़मीं तेरे पाँव तले आए
कदमों से छू के वो आसमां हो जाए
तेरे आगे फीके-फीके सारे श्रिंगार हैं
मैं तो क्या फरिश्ते भी तुझपे निसार हैं
गरमी की शाम है तू, जाड़ों की धूप है
जितने भी मौसम हैं, तेरे कर्ज़दार है
ख़ुदा भी...
चेहरा है या जादू, रूप है या ख्वाब है
आँखें हैं या अफसाना, जिस्म या किताब है
आजा तुझे मैं पढ़ लूँ, दिल में उतार लूँ
होठों से देखूँ तुझे, आँखों से पुकार लूँ
ख्वाहिशें ये कहती हैं, कहती रहती हैं
ले के तुझे बाहों में, शामें गुज़ार लूँ
ख़ुदा भी...
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