Movie/Album: जालसाज़ (1959)
Music By: एन.दत्ता
Lyrics By: मजरूह सुल्तानपुरी
Performed By: किशोर कुमार
अरे तेरी गली बलमा हाय
और ये भी हक्का
और ये बाग़ लगाया पक्का
ए भी हक्का, हक्का बक्का
दुनिया पागल, है अलबत्ता
डाली टूटी, फल है कच्चा
बाग़ लगाया पक्का
ए भी हक्का, हक्का बक्का...
चाहे हम चाहे तुम
कल की है खबर किसको
समझे ये हवा
मिली ऐसी नज़र किसको
आई आंधी, टूटा पत्ता
डाली टूटी, फल है कच्चा
बाग़ लगाया पक्का
ए भी हक्का, हक्का बक्का...
जिसका नहीं तू
वही तेरे नशे में झूमे
तन के जो चले
जग उसके कदम चूमे
अरे दुर्र फिटे मुँह
चलते जाना, देके धक्का
आई आंधी, टूटा पत्ता
डाली टूटी, फल है कच्चा
बाग़ लगाया पक्का
ए भी हक्का, हक्का बक्का...
मैं हूँ इंसा, वो है कुत्ता
कहता हूँ पते की सुन
वो भी काटे, मैं भी काटूँ
यहाँ सबको है अपनी धुन
अरे भागो बम्बई से कलकत्ता
चलते जाना देके धक्का
आई आंधी, टूटा पत्ता
डाली टूटी, फल है कच्चा
बाग़ लगाया पक्का
ए भी हक्का, हक्का बक्का...
Music By: एन.दत्ता
Lyrics By: मजरूह सुल्तानपुरी
Performed By: किशोर कुमार
अरे तेरी गली बलमा हाय
और ये भी हक्का
और ये बाग़ लगाया पक्का
ए भी हक्का, हक्का बक्का
दुनिया पागल, है अलबत्ता
डाली टूटी, फल है कच्चा
बाग़ लगाया पक्का
ए भी हक्का, हक्का बक्का...
चाहे हम चाहे तुम
कल की है खबर किसको
समझे ये हवा
मिली ऐसी नज़र किसको
आई आंधी, टूटा पत्ता
डाली टूटी, फल है कच्चा
बाग़ लगाया पक्का
ए भी हक्का, हक्का बक्का...
जिसका नहीं तू
वही तेरे नशे में झूमे
तन के जो चले
जग उसके कदम चूमे
अरे दुर्र फिटे मुँह
चलते जाना, देके धक्का
आई आंधी, टूटा पत्ता
डाली टूटी, फल है कच्चा
बाग़ लगाया पक्का
ए भी हक्का, हक्का बक्का...
मैं हूँ इंसा, वो है कुत्ता
कहता हूँ पते की सुन
वो भी काटे, मैं भी काटूँ
यहाँ सबको है अपनी धुन
अरे भागो बम्बई से कलकत्ता
चलते जाना देके धक्का
आई आंधी, टूटा पत्ता
डाली टूटी, फल है कच्चा
बाग़ लगाया पक्का
ए भी हक्का, हक्का बक्का...
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