Movie/Album: पूनम (1981)
Music By: अनु मलिक
Lyrics By: हसरत जयपुरी
Performed By: मोहम्मद रफी
आ ज़रा मेरे हमनशीं, थाम ले, मुझे थाम ले
ज़िंदगी से भाग कर आया हूँ मैं, मुझे थाम ले
आ ज़रा मेरे हमनशीं...
अपनी हस्ती से खुद मैं परेशान हूँ
जिसकी मंज़िल नहीं ऐसा इंसान हूँ
मैं कहाँ था कहाँ से कहाँ आ गया
क्या से क्या हो गया मैं भी हैरान हूँ
आ ज़रा मेरे हमनशीं...
बुझ गया भी तो क्या अपने दिल का दीया
अब ना रोयेंगे हम रोशनी के लिये
दिल का शीशा जो टूटा तो ग़म क्यूँ करें
दर्द काफ़ी है बस ज़िंदगी के लिये
आ ज़रा मेरे हमनशीं...
रात आती रही, रात जाती रही
मेरे ग़म का न लेकिन सवेरा हुआ
अपने-अपने नसीबों की बातें हैं ये
जो मिला हमको उसका बहुत शुक्रिया
आ ज़रा मेरे हमनशीं...
Music By: अनु मलिक
Lyrics By: हसरत जयपुरी
Performed By: मोहम्मद रफी
आ ज़रा मेरे हमनशीं, थाम ले, मुझे थाम ले
ज़िंदगी से भाग कर आया हूँ मैं, मुझे थाम ले
आ ज़रा मेरे हमनशीं...
अपनी हस्ती से खुद मैं परेशान हूँ
जिसकी मंज़िल नहीं ऐसा इंसान हूँ
मैं कहाँ था कहाँ से कहाँ आ गया
क्या से क्या हो गया मैं भी हैरान हूँ
आ ज़रा मेरे हमनशीं...
बुझ गया भी तो क्या अपने दिल का दीया
अब ना रोयेंगे हम रोशनी के लिये
दिल का शीशा जो टूटा तो ग़म क्यूँ करें
दर्द काफ़ी है बस ज़िंदगी के लिये
आ ज़रा मेरे हमनशीं...
रात आती रही, रात जाती रही
मेरे ग़म का न लेकिन सवेरा हुआ
अपने-अपने नसीबों की बातें हैं ये
जो मिला हमको उसका बहुत शुक्रिया
आ ज़रा मेरे हमनशीं...
No comments :
Post a Comment
यह वेबसाइट/गाना पसंद है? तो कुछ लिखें...