Movie/Album: मधुमती (1958)
Music By: सलील चौधरी
Lyrics By: शैलेन्द्र
Performed By: लता मंगेशकर
मैं तो कब से खड़ी इस पार
ये अँखिया थक गयी पंथ निहार
आजा रे, परदेसी
मैं तो कब से...
मैं दीये की ऐसी बाती
जल ना सकी जो, बुझ भी ना पाती
आ मिल मेरे जीवन साथी
ओ आजा रे, परदेसी...
तुम संग जनम जनम के फेरे
भूल गये क्यों साजन मेरे
तड़पत हूँ मैं साँझ सवेरे
ओ आजा रे, परदेसी...
मैं नदिया फिर भी मैं प्यासी
भेद ये गहरा, बात ज़रा सी
बिन तेरे हर साँस उदासी
ओ आजा रे, परदेसी...
Music By: सलील चौधरी
Lyrics By: शैलेन्द्र
Performed By: लता मंगेशकर
मैं तो कब से खड़ी इस पार
ये अँखिया थक गयी पंथ निहार
आजा रे, परदेसी
मैं तो कब से...
मैं दीये की ऐसी बाती
जल ना सकी जो, बुझ भी ना पाती
आ मिल मेरे जीवन साथी
ओ आजा रे, परदेसी...
तुम संग जनम जनम के फेरे
भूल गये क्यों साजन मेरे
तड़पत हूँ मैं साँझ सवेरे
ओ आजा रे, परदेसी...
मैं नदिया फिर भी मैं प्यासी
भेद ये गहरा, बात ज़रा सी
बिन तेरे हर साँस उदासी
ओ आजा रे, परदेसी...
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