Movie/Album: देवर भाभी (1958)
Music By: रवि
Lyrics By: राजा मेहंदी अली खान, शैलेंद्र
Performed By: मोहम्मद रफ़ी
हज़ारो हसरतें ऐसी, के हर हसरत पे दम निकले
बहुत निकले तेरे अरमान लेकिन, फिर भी कम निकले
निकलना खुल्त से आदम का सुनते आये थे, लेकिन
बहुत बेआबरू होकर, तेरे कूचे से हम निकले
प्यार की गलियों से यो बेटा कर ले बिस्तर गोल
ज़माना नाज़ुक है
बात पते की कहता हूँ मैं देख बजा के ढोल
ज़माना नाज़ुक है
चला हंस की चाल जो कौवा, अपनी चाल भी भुला
राह चला मजनू की बेटा, हो गया लंगड़ा लूला
अरे सुन मेरे मुन्ना
अब ना करना हीरो का ये रोल
ज़माना नाज़ुक है
प्यार की गलियों से...
बिना पुलिस के पहरे के उस कूचे में ना जाना
हाँ समझे ना
जाना हो तो जान का बिमा, पहले तुम करवाना
अरे मार के डंडे तोड़ ना डाले तेरे सर का होल
ज़माना नाज़ुक है
प्यार की गलियों से...
कहाँ पे छिड़कूँ बोरिक पाउडर, कहाँ पे चुना हल्दी
ज़ालिम दुनिया यार को मेरे, घायल कर के चल दी
अरे अपनी जान की खातिर अब तो, दिल पे कर कंट्रोल
ज़माना नाज़ुक है
प्यार की गलियों से...
Music By: रवि
Lyrics By: राजा मेहंदी अली खान, शैलेंद्र
Performed By: मोहम्मद रफ़ी
हज़ारो हसरतें ऐसी, के हर हसरत पे दम निकले
बहुत निकले तेरे अरमान लेकिन, फिर भी कम निकले
निकलना खुल्त से आदम का सुनते आये थे, लेकिन
बहुत बेआबरू होकर, तेरे कूचे से हम निकले
प्यार की गलियों से यो बेटा कर ले बिस्तर गोल
ज़माना नाज़ुक है
बात पते की कहता हूँ मैं देख बजा के ढोल
ज़माना नाज़ुक है
चला हंस की चाल जो कौवा, अपनी चाल भी भुला
राह चला मजनू की बेटा, हो गया लंगड़ा लूला
अरे सुन मेरे मुन्ना
अब ना करना हीरो का ये रोल
ज़माना नाज़ुक है
प्यार की गलियों से...
बिना पुलिस के पहरे के उस कूचे में ना जाना
हाँ समझे ना
जाना हो तो जान का बिमा, पहले तुम करवाना
अरे मार के डंडे तोड़ ना डाले तेरे सर का होल
ज़माना नाज़ुक है
प्यार की गलियों से...
कहाँ पे छिड़कूँ बोरिक पाउडर, कहाँ पे चुना हल्दी
ज़ालिम दुनिया यार को मेरे, घायल कर के चल दी
अरे अपनी जान की खातिर अब तो, दिल पे कर कंट्रोल
ज़माना नाज़ुक है
प्यार की गलियों से...
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