Movie/Album: सितारों से आगे (1958)
Music By: सचिन देव बर्मन
Lyrics By: मजरूह सुल्तानपुरी
Performed By: मोहम्मद रफ़ी
ज़रा रुक जा, प्यारे रुक जा
आस लगाये बैठे हैं, राहों में कब से हम
ओ ज़रा रुक जा, प्यारे रुक जा
बुरा होता है, राहों में मचलना
अजी अच्छा है, रुक रुक चलना
सुन प्यारे इतराये काहे
ओ यारों से कतराए काहे
आस लगाये बैठे हैं, राहों में कब से हम
ओ ज़रा रुक जा...
आजा कब से पुकारे तुझे बंदा
तेरे दम से चले है मेरा धंधा
आजा तेरी सर्विस करें
ओ फिर किस्मत की थैली भरें
आस लगाये बैठे हैं, राहों में कब से हम
ओ ज़रा रुक जा...
इन हाथों का जादू जो दिखा दूँ
तुझे घर तक अभी मैं पहुँचा दूँ
बिगड़ी हो तो, बना दे आजा
हो रूकती हो तो, चला दे आजा
आस लगाये बैठे हैं, राहों में कब से हम
ओ ज़रा रुक जा...
Music By: सचिन देव बर्मन
Lyrics By: मजरूह सुल्तानपुरी
Performed By: मोहम्मद रफ़ी
ज़रा रुक जा, प्यारे रुक जा
आस लगाये बैठे हैं, राहों में कब से हम
ओ ज़रा रुक जा, प्यारे रुक जा
बुरा होता है, राहों में मचलना
अजी अच्छा है, रुक रुक चलना
सुन प्यारे इतराये काहे
ओ यारों से कतराए काहे
आस लगाये बैठे हैं, राहों में कब से हम
ओ ज़रा रुक जा...
आजा कब से पुकारे तुझे बंदा
तेरे दम से चले है मेरा धंधा
आजा तेरी सर्विस करें
ओ फिर किस्मत की थैली भरें
आस लगाये बैठे हैं, राहों में कब से हम
ओ ज़रा रुक जा...
इन हाथों का जादू जो दिखा दूँ
तुझे घर तक अभी मैं पहुँचा दूँ
बिगड़ी हो तो, बना दे आजा
हो रूकती हो तो, चला दे आजा
आस लगाये बैठे हैं, राहों में कब से हम
ओ ज़रा रुक जा...
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