कुछ इस तरह - Kuch Iss Tarah (Arnab Dutta, 1921)

Movie/Album: 1921 (2018)
Music By: हरीश सगने
Lyrics By: शकील आज़मी
Performed By: अर्नब दत्ता

कुछ इस तरह, कुछ इस तरह
ऐ रात थम ज़रा, कुछ इस तरह
दो जिस्म से एक जान में
ढल जाएँ हम ज़रा
कुछ इस तरह...

ये जो चाँद एक लकीर सा है आसमान पर
यूँ ही आँख में मेरी रहे चमकता रात भर
ऐ बादलों ज़रा सी तुमसे इल्तजा है ये
फ़ना न हो उम्मीद के सितारें ढूँढकर
कुछ इस तरह...

अलविदा हमको कहे मुस्कुरा के मौत भी
थोड़ी सी साँसें छुपा ले सीने में कहीं
जी ले आ एक रात में उम्र भर की ज़िन्दगी
कोई भी पल रह न जाए जीने में कहीं
कुछ इस तरह...

रूह की परवाज़ पे, हैं परिंदे इश्क़ के
हमको चाहत की नज़र से देख आसमाँ
आँख में जो अश्क़ है, चाँद को भी रश्क है
लिख रहे हैं प्यार की हम ऐसी दास्ताँ
कुछ इस तरह...
Print Friendly and PDF

No comments :

Post a Comment

यह वेबसाइट/गाना पसंद है? तो कुछ लिखें...