Movie/Album: आसमान (1984)
Music By: अनु मलिक
Lyrics By: आनंद बक्षी
Performed By: किशोर कुमार
बन के नज़र दिल की ज़ुबाँ
कहने लगी इक दास्ताँ
बन के नज़र...
जाने कैसा है ये अफ़साना
जाने कैसा आया ये ज़माना
अरे तू भी अनजान है
मैं भी तो अनजान हूँ
तू भी कुछ हैरान है
मैं भी कुछ हैरान हूँ
ना जाने क्या बातें हुयीं
तेरे मेरे दरमियाँ
बन के नज़र...
ऐसा लगता है ये सितारे
जैसे करते हैं कुछ इशारे
अरे ना आँखों में नींद है
न दिल में क़रार है
क्या हो जाए क्या पता
कोई ऐतबार है
इक ये उमर दूजे ये रात
उसपे सितम ये समाँ
बन के नज़र...
जब भी तेरी याद आ गयी
दिल को मेरे तड़पा गयी
ग़म की घटा बरसा गयी
आँसू मेरे छलका गयी
आवाज़ दी मैंने तुझे
आवाज़ दे तू है कहाँ
बन के नज़र...
Music By: अनु मलिक
Lyrics By: आनंद बक्षी
Performed By: किशोर कुमार
बन के नज़र दिल की ज़ुबाँ
कहने लगी इक दास्ताँ
बन के नज़र...
जाने कैसा है ये अफ़साना
जाने कैसा आया ये ज़माना
अरे तू भी अनजान है
मैं भी तो अनजान हूँ
तू भी कुछ हैरान है
मैं भी कुछ हैरान हूँ
ना जाने क्या बातें हुयीं
तेरे मेरे दरमियाँ
बन के नज़र...
ऐसा लगता है ये सितारे
जैसे करते हैं कुछ इशारे
अरे ना आँखों में नींद है
न दिल में क़रार है
क्या हो जाए क्या पता
कोई ऐतबार है
इक ये उमर दूजे ये रात
उसपे सितम ये समाँ
बन के नज़र...
जब भी तेरी याद आ गयी
दिल को मेरे तड़पा गयी
ग़म की घटा बरसा गयी
आँसू मेरे छलका गयी
आवाज़ दी मैंने तुझे
आवाज़ दे तू है कहाँ
बन के नज़र...
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