Movie/Album: रोटी कपड़ा और मकान (1974)
Music By: लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल
Lyrics By: वर्मा मलिक
Performed By: लता मंगेशकर
ना धरम बुरा, ना करम बुरा
ना गंगा बुरी, ना जल बुरा
पर पीने वालों को पंडितजी
ना करना कभी नसीहत
पीनेवाला मरते-मरते
बस करता यही वसीयत
ओ पंडितजी मेरे मरने के बाद बस
इतना कष्ट उठा लेना
मेरे मुँह में गंगाजल की जगह
थोड़ी मदिरा टपका देना
पंडितजी मेरे मरने के...
सदियों पुराने मयख़ाने से
थोड़ी मिट्टी मँगवा लेना
उस मिट्टी को समझ के चन्दन
मेरे माथे तिलक लगा देना
पंडितजी मेरे मरने के बाद...
मौत पे मेरी, ओ पीनेवाले
आँख जो तेरी भर आए
पी जाना तू आँख के आँसू
पर कुछ जाम बहा देना
पंडितजी मेरे मरने के बाद...
सफ़र आखिरी लंबा है
कोई साथ में साथी तो चाहिए
झूमती पहुँचूँ जन्नत तक
इक बोतल साथ टिका देना
पंडितजी मेरे मरने के बाद...
Music By: लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल
Lyrics By: वर्मा मलिक
Performed By: लता मंगेशकर
ना धरम बुरा, ना करम बुरा
ना गंगा बुरी, ना जल बुरा
पर पीने वालों को पंडितजी
ना करना कभी नसीहत
पीनेवाला मरते-मरते
बस करता यही वसीयत
ओ पंडितजी मेरे मरने के बाद बस
इतना कष्ट उठा लेना
मेरे मुँह में गंगाजल की जगह
थोड़ी मदिरा टपका देना
पंडितजी मेरे मरने के...
सदियों पुराने मयख़ाने से
थोड़ी मिट्टी मँगवा लेना
उस मिट्टी को समझ के चन्दन
मेरे माथे तिलक लगा देना
पंडितजी मेरे मरने के बाद...
मौत पे मेरी, ओ पीनेवाले
आँख जो तेरी भर आए
पी जाना तू आँख के आँसू
पर कुछ जाम बहा देना
पंडितजी मेरे मरने के बाद...
सफ़र आखिरी लंबा है
कोई साथ में साथी तो चाहिए
झूमती पहुँचूँ जन्नत तक
इक बोतल साथ टिका देना
पंडितजी मेरे मरने के बाद...
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