Movie/Album: ग्रहण (2001)
Music By: कार्तिक राजा
Lyrics By: महबूब
Performed By: अभिजीत, कविता कृष्णामूर्ति
कहते हैं जिसको मोहब्बत, वो हो तुम
रब ने बनाया जिसे दिल से, वो हो तुम
हुस्न ये गज़ब का, अदायें हैं क़ातिल
जैसे क़यामत के लुट ही गया दिल
तेरे नाम से होती हैं सुबहें ओ हो हो
तेरे नाम से होती हैं शामें ओ हो हो
दिन भर तेरा ख्याल, तेरे ख़्वाब रातों में
तेरा पागलपन है मुझपर जानेमन
कहते हैं जिसको मोहब्बत...
हम काँटों पर सोयेंगे तेरी चाहत में
अंगारों पर भी चलेंगे तेरी चाहत में
तो क़दमों के नीचे मैं तेरे, अपनी हथेली रख दूँगा
इक काँटा भी चुभने न दूँ तुझको
कहते हैं जिसको मोहब्बत...
हमको है यकीं पर फिर भी इतना है कहना
किसी और की सोच भी दिल में ना आने देना
जो मिलती नहीं हमको तुमसे, ऐसी मोहब्बत ओ हमदम
सोचेंगे क्यों ग़ैरों का हम बोलो
कहते हैं जिसको मोहब्बत...
Music By: कार्तिक राजा
Lyrics By: महबूब
Performed By: अभिजीत, कविता कृष्णामूर्ति
कहते हैं जिसको मोहब्बत, वो हो तुम
रब ने बनाया जिसे दिल से, वो हो तुम
हुस्न ये गज़ब का, अदायें हैं क़ातिल
जैसे क़यामत के लुट ही गया दिल
तेरे नाम से होती हैं सुबहें ओ हो हो
तेरे नाम से होती हैं शामें ओ हो हो
दिन भर तेरा ख्याल, तेरे ख़्वाब रातों में
तेरा पागलपन है मुझपर जानेमन
कहते हैं जिसको मोहब्बत...
हम काँटों पर सोयेंगे तेरी चाहत में
अंगारों पर भी चलेंगे तेरी चाहत में
तो क़दमों के नीचे मैं तेरे, अपनी हथेली रख दूँगा
इक काँटा भी चुभने न दूँ तुझको
कहते हैं जिसको मोहब्बत...
हमको है यकीं पर फिर भी इतना है कहना
किसी और की सोच भी दिल में ना आने देना
जो मिलती नहीं हमको तुमसे, ऐसी मोहब्बत ओ हमदम
सोचेंगे क्यों ग़ैरों का हम बोलो
कहते हैं जिसको मोहब्बत...
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