प्रीतम आन मिलो - Pritam Aan Milo (Sapan Chakraborty, Angoor)

Movie/Album: अंगूर (1982)
Music By: आर.डी.बर्मन
Lyrics By: गुलज़ार
Performed By: सपन चक्रवर्ती

प्रीतम आन मिलो, प्रीतम आन मिलो
हो दुखिया जीवन कैसे बिताऊँ
प्रीतम आन मिलो

रात अकेले डर लगता है
जंगल जैसा घर लगता है
चलती हैं जब तेज़ हवाएँ
लहराता हंटर लगता है
कितने हंटर खाऊँ
प्रीतम आन मिलो...

बिरहा में कोई बोल रहा है
पीड़ा का रस घोल रहा है
फिर से जान लबों पर आयी
फिर कोई घूँघट खोल रहा है
मुखड़ा कैसे छुपाऊँ
प्रीतम आन मिलो...

No comments :

Post a Comment

यह वेबसाइट/गाना पसंद है? तो कुछ लिखें...