Movie/Album: अय्यारी (2018)
Music By: अंकित तिवारी
Lyrics By: मनोज मुंतशिर
Performed By: अंकित तिवारी, पलक मुच्छल
तेरी मेरी आँखों ने, मिल के जो ख्वाब बुने
वो बड़े प्यारे थे
तेरे-मेरे पाँव चले, मिल के के दो पैरों तले
तारे ही तारे थे
सारी बातें मुझे याद हैं, वो चाँद रातें मुझे याद हैं
मुझे भी तेरे हाथों की नर्मियाँ याद है
वो मासूम प्यारी सी बेशर्मियाँ याद है
याद है सब मुझे याद है, सारी बातें मुझे याद हैं...
याद है तुमको वो बरसातें, जब मिल के हम भीगे थे
क्यूँ अन्दर से आँच उठी, जब बाहर से हम गीले थे
कैसी थी वो बेफिक्री, गुज़री, फिर भी ना गुज़री
ऐसी शामें मुझे याद है, ऐसी बातें मुझे याद है
कोई जान के जान से तो गुज़रता नहीं
कभी अपनी मर्ज़ी से कोई बिछड़ता नहीं
याद है सब...
काँधे पे सर रख के तेरे, सोयी थी मैं कितनी देर
ढूँढ रही थी दुनिया मुझको, खोयी थी मैं कितनी देर
कैसी थी वो बेफिक्री, गुज़री, फिर भी ना गुज़री
सारी शामें मुझे याद है, सारी बातें मुझे याद है
जो होठों से ना कह सका, हर्फ़ वो भी तो है
जो आँखों से ना बह सका, दर्द वो भी तो है
याद है सब...
Music By: अंकित तिवारी
Lyrics By: मनोज मुंतशिर
Performed By: अंकित तिवारी, पलक मुच्छल
तेरी मेरी आँखों ने, मिल के जो ख्वाब बुने
वो बड़े प्यारे थे
तेरे-मेरे पाँव चले, मिल के के दो पैरों तले
तारे ही तारे थे
सारी बातें मुझे याद हैं, वो चाँद रातें मुझे याद हैं
मुझे भी तेरे हाथों की नर्मियाँ याद है
वो मासूम प्यारी सी बेशर्मियाँ याद है
याद है सब मुझे याद है, सारी बातें मुझे याद हैं...
याद है तुमको वो बरसातें, जब मिल के हम भीगे थे
क्यूँ अन्दर से आँच उठी, जब बाहर से हम गीले थे
कैसी थी वो बेफिक्री, गुज़री, फिर भी ना गुज़री
ऐसी शामें मुझे याद है, ऐसी बातें मुझे याद है
कोई जान के जान से तो गुज़रता नहीं
कभी अपनी मर्ज़ी से कोई बिछड़ता नहीं
याद है सब...
काँधे पे सर रख के तेरे, सोयी थी मैं कितनी देर
ढूँढ रही थी दुनिया मुझको, खोयी थी मैं कितनी देर
कैसी थी वो बेफिक्री, गुज़री, फिर भी ना गुज़री
सारी शामें मुझे याद है, सारी बातें मुझे याद है
जो होठों से ना कह सका, हर्फ़ वो भी तो है
जो आँखों से ना बह सका, दर्द वो भी तो है
याद है सब...
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