हाफ़िज़ हाफ़िज़ - Hafiz Hafiz (Mohit Chauhan, Laila Majnu)

Movie/Album: लैला मजनू (2018)
Music By: निलाद्री कुमार
Lyrics By: इरशाद कामिल
Performed By: मोहित चौहान, अर्जुन नायर, साजिद अली

कई फिक्र नहीं है
कोई गर्ज़ नहीं
बस इश्क हुआ है
कोई मर्ज़ नहीं
मुझे फिकर नहीं है
मुझे अकल नहीं
मैं असल में तू हूँ
तेरी नक़ल नहीं
कोई फिक्र नहीं...

जग में जग सा होकर रह तू
(जग में जग सा होकर रह तू)
सुनता रह बस कुछ न कह तू
(सुनता रह बस कुछ न कह तू)
बातें पत्थर ताने तोहमत
(बातें पत्थर ताने तोहमत)
हो हमसा होकर हँस के सह तू
(हो हमसा होकर हँस के सह तू)

शोर उठा घनघोर उठा फिर गौर हुआ
हर दर्द मिटा हर फर्क मिटा मैं और हुआ
कोई बात नई करामात नई कायनात नई
इक आग लगी कुछ खाक हुआ कुछ पाक हुआ

बदल गया भला क्यों जहां तेरा
यहाँ वहाँ घनघोर से घिरा
खतम हुआ अकल का सफर तेरा
संभल ज़रा सुनसान राज़ का
ज़हर भरा आदमी भटक रहा
भाग्य कहाँ दिन लेगा ये बता
कोई फिक्र नहीं है...

हाफिज़ हाफिज़ हो गया हाफिज़
(हाफिज़ हाफिज़ हो गया हाफिज़)
हाफिज़ हाफिज़ हो गया हाफिज़
(हाफिज़ हाफिज़ हो गया हाफिज़)
काफ़िर काफ़िर बन गया काफ़िर
(काफ़िर काफ़िर बन गया काफ़िर)
काफ़िर काफ़िर बन गया काफ़िर
(काफ़िर काफ़िर बन गया काफ़िर)
हुकुस बुकुस...
Print Friendly and PDF

No comments :

Post a Comment

यह वेबसाइट/गाना पसंद है? तो कुछ लिखें...