इसकबाज़ी - Issaqbaazi (Sukhwinder Singh, Divya Kumar, Zero)

Movie/Album: ज़ीरो (2018)
Music By: अजय-अतुल
Lyrics By: इरशाद कामिल
Performed By: सुखविंदर सिंह, दिव्या कुमार

प्रेम ना उपजे खेत में
भइया प्रेम बिके न हाट रे
पर जब-जब ये हो जाए
लग जाती है वाट रे, वाट रे
खड़ी हो जाएगी खाट रे

मदवा पी के प्रेम का हम
हैं तनिक बौराए से
र वो मसूका, यार हम हैं
बीच ना कोई आए रे
हो, उसके नैना नीट दारु
से गजब चढ़ जाए रे
हो, तब से हमरी है वो जब से
जग में आसिक आए रे
कसम से, धरम से
कसम से जियरा चकनाचूर है
इसकबाजी से
कसम से जियरा चकनाचूर है
इसकबाजी से
कसम से जियरा चकनाचूर है
इसकबाजी से

हो, तुम का जानो प्रीत की चिड़िया
कौन गगन में उड़ती है
हो, प्रीत हमारी परछाई है
जहाँ मुड़ें हम, मुड़ती है
हो, लग जइबे है तेज कटारी
बड़ी ज़ोर से सीने में
हाय, दर्द बड़ा हो तभी तो आवै
बड़ा मजा भी जीने में
हो, उसका हमरा मेल अनोखा
उसका हमरा मेल अनोखा
वो लहर हम पानी हैं
तुम हो पानी हम किनारा
लहर हम तक आनी है
कसम से, धरम से...

हम उससे प्रेम गजब करते
वो हमसे प्रेम गजब करती
वो हमरे लिए जरूरी है
वो हमरे बिना अधूरी है
हम तोसे उसको लड़वाएँगे इतना हम भड़काएँगे
तू चमचा होजा उसका चाहे मानेगी ना बात
हो एक बटे दो आसिक तोहरी कैसे होगी छोरी रे
अपने कद से ऊँचा ना तू सपनों का चरखा काट
करत है क्यूँ बातें उमर से बड़ी
तू देसी दीवाना, वो इंग्लिस परी
रे सहिबा पढ़ाकू थी मिर्ज़ा था टैं
तब भी तो वो इंग्लिस है देसी हूँ मैं
हे, जिया ले गई है रे तोहरी ये बात
आ कर ले तू यारी, मिला हमसे हाथ
आ कर ले तू यारी, मिला हमसे हाथ

धिन ताक धिन ताक
धिन ताक धा

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